Computer Fundamentals History Charles Babbage Analytical Engine ENIAC EDSAC EDVAC UNIVAC Evolution of Computers &ItsApplications Counting Frame
कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जिसका उपयोग हमारे जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों एवं दैनिक कार्यों में किया जाता है। वेब प्रायोगिकी कम्प्यूटर इंटरनेट और मोबाइल फोन के विकास ने ज्ञान के नए आयाम स्थापित किये है और एक नयी विचार प्रक्रिया को जीवन दिया है। कम्प्यूटर अव्यवस्थित सुचनाओं को उद्देश्यपूर्ण सूचनाओं में तीव्र गति से शुद्धता के साथ परिवर्तित कर प्रस्तुत करता है ।
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Computer कम्प्यूटर आर इसके अनुप्रयोगों का विकास
(Evolution of Computers &ItsApplications): कम्प्यूटर शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजीभाषा के कम्प्यूट' शब्द स हुइ हा जिसका अर्थ है गणना करना। अतः कम्प्यूटर का विकास मूलतः गणितिय गणनाओं के उद्देश्यों की पर्ति हेतु किया गया है। सवप्रथम कम्प्यूटर का आविष्कार 600 ईसा पूर्व गिनतारे (अबेकस)
का विकास मेसोपटामिया में हुआ था। इसी प्रकार केलकुलेटर का आविष्कार 17वीं शताब्दा क प्रारभ में डानन नेपियर ने किया था जिसका उपयोग मूलतः गणितिय गणनाओं हेतु किया गया। तत्पश्चात् सन् 1671 में बार्न गोट फ्राइड में गणना करनवाल कैलकुलेटरका आविष्कार किया। सन्
1642 में बेब्जपास्कल ने यांत्रिक कैलकुलेटर बनाया जिसे पास्कलिंग कहा गया। यह यांत्रिक केलकुलेटर ज्यादा से ज्यादा सिर्फ 6 व्यक्तियों के बराबर गणना कर सकता था।
सन् 1822 में चार्ल्स बैबेजने सर्वप्रथम डिजीटल कम्प्यूटर का निर्माण पास्कलीन से प्रेरणा लेकर डिफ्रेन्सियल तथा एनालिटीकल एन्जिन का आविष्कार किया। उन्होंने सन्
1837 में स्वचालित कम्प्यूटर की परिकल्पना की। जिसमें कृत्रिम स्मृति तथा प्रोग्राम के अनुरूप गणना करने की क्षमता हो । पंचकार्ड की सहायता से सारा कार्य स्वतः ही करने वाली इलेक्ट्रॉनिक टेबलेशन मशीन का निर्माण किया गया। अतः प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर में वैक्यूम ट्यूडसया वैक्यूम वाल्स का प्रयोग हुआ। * Computer तीव्र रूप से गणना करने वाली Automatic Electronic मशीन है, जो यूजर द्वारा किए गए इनपुट को प्रोसेस कर आउटपट प्रदान करती है। कम्प्यूटर को हिन्दी में संगणकया परिकलक अथवा अभिकलित्र कहा जाता है। इन सभी नामों का संबंध गणना करने से है।
* World Computer Literacy Day (विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस)
प्रत्येक वर्ष
2 दिसम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस (डि जिटल साक्षरता)
DigitalLiteracy एवं Computer Skills(कम्प्यूटर कौशल) को बढ़ावा देने हेतु मनाया जाता है।
कम्प्यूटर को आधुनिक स्वरूप प्रदान करने में निम्नलिखित डिवाइसों का प्रयोग किया गया था→
सकस (Abacus):- अबेकस डिजिटल कम्प्यूटर की तरह गणना के सिद्धान्त पर कार्य करने वाला दुनिया का प्रथम गणक यन्त्र है अर्थात विश्व काप्रथम गणक यन्त्र अबेकस है।
अबेकस को Counting Frame या अबेकस कम्प्यूटर भी कहा जाता है। इसकी खोज बेबीलोन (चीन) में हुई। दुनिया के सबसे पहले गणक यन्त्र अबेकस को जापान में Soroban (सॉरोबान) कहा जाता है। विश्व का अब तक बचा हुआ सबसे पुराना अबेकस सलमिस अबेकस है।
नेपियर बोन्स (Napier's Bones):-इसकी खोज 1617 में जॉन नेपियर द्वारा की गई।
इसके द्वारा किसी Calculation (गणना) के परिणाम को Graphical (ग्राफिकल) फॉर्मेट में " व्यक्त किया जा सकता था। स्लाइड रूल (Slide Rule):- लघुगणक गणनाएँ करने हेतु इसका विकास जर्मनी के विलियम ऑटरेड द्वारा किया गया। पास्कलाइन (Pascline):- विश्व का प्रथम मैकेनिकल कैलकुलेटर (First Mechanical Calculator) (यांत्रिक गणक यंत्र) फ्रांस के गणितज्ञ, भौतिकज्ञ ब्लेज पास्कल द्वारा 1642 स 1644 के मध्य विकसित किया गया। इस कैलकुलेटर को Pascline या Arithmetic Machine या एडिंग मशीन अथवा पास्कल का कैलकुलेटर कहा जाता है। यह पास्कलाइन, ओडोमीटर के सिद्धान्त पर कार्य करता है।
एनालिटिकल एवं डिफरेंस इंजन (Analytical & Difference Engine):- चाल्स बक्षण1822 में Defference Endine एवं 1833 में Analytical(विश्लेषणात्मक) इजन बनाया
Analytical Engine आधुनिक डिजिटल कम्प्यूटर का पूर्वज था।
चार्ल्स बैवेज को फादर ऑफ कम्प्यूटर (Father of Computer) या कम्प्यूटर का पितामह या कम्प्यूटर का जनक अथवा कम्प्यूटर का पिता कहा जाता है। प्रथम अंकीय कम्प्यूटर के विकास में सर्वाधिक योगदान चार्ल्स बैवेज का ही है। प्रोग्रामेबल कम्प्यूटर (Programmable Computer) की अवधारणा चार्ल्स बैवेज द्वारा दी गई। कम्प्यूटर की बुनियादी संरचना का जनक अर्थात् Founder of basic Architecture of computer चार्ल्स बैवेज है। टेबुलेटिंग मशीन (Tabulating Machine):- टेबुलेटिंग मशीन का अविष्कार हर्मन होलेरिथ द्वारा किया गया। मार्क-I (Mark-I):- First Electrical and Mechanical Computer प्रकार का - कम्प्यूटर मार्क-था|Mark-I ऑटोमैटिक सिक्वेंस कंट्रोल्ड कैलकुलेटर था।
Mark-I, IBM के सहयोग से हॉवर्ड आइकोनद्वारा 1994 में बनाया गया।
एनियक (ENIAC):- विश्व का First Fully Electronic कम्प्यूटर ENIAC है जो 1946 में . जी.पी. एकर्ड एवं जॉन मुचली द्वारा विकसित किया गया। इसका पूर्ण नाम Electronic Numerical Integrator and Computer था। यह विश्व का प्रथम संक्रियात्मक इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर भी है, इसके विकास क्रम एवं संचालन में पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय का अति महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।
एडसैक (EDSAC):- EDSAC, डाटा स्टोरेज अर्थात् Storage Capacity की उपलब्धता वाला पहला कम्प्यूटर था, जो कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में बना। इसका पूर्ण नाम Electronic Delay StorageAutomatic Calculatorथा।
एडवैक (EDVAC):- EDVAC का पूर्ण नाम Electronic Discrete Variable Automatic Computer है। इसका विकास जॉन वॉन न्यूमैन (John Von Neuman) द्वारा किया गया है।
यूनिवैक (UNIVAC):- वाणिज्यिक (Commercial) या व्यापारिक कार्यों हेतु प्रयुक्त कम्प्यूटर था,जिसका पूर्ण रूप UniversalAutomatic Computer था।
विश्व की प्रथम प्रोग्रामर (First Programmer of World):- विश्व की प्रथम प्रोग्रामर लेडी ऐडा आगस्टा है, जिसे एडा लवलेस भी कहा जाता है।
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